यह मंदिर बालाजी महाराज के मंदिर के काफी निकट स्थित है। वैसे तो जब आप सड़क मार्ग से हाईवे को छोड़कर बालाजी के लिए मुड़ते हैं जिसे बालाजी मोड़ कहा जाता है यहां से यह मंदिर काफी पास पड़ता है।
लेकिन श्रद्धालु आते समय सबसे पहले बालाजी महाराज के दर्शन के लिए सीधे निकल जाते हैं और दर्शन के बाद माता अंजनी के दर्शन के लिए आते हैं।
किसी भी धार्मिक यात्रा का पुण्य फल पैदल चलकर ही प्राप्त होता है। बालाजी मंदिर से हाईवे यानि राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर जाने वाली सड़क आपको माता अंजनी के दरबार तक ले जाती है। और पैदल यह दूरी मात्र 15 से 20 मिनट में पूरी की जा सकती है।
बहुत से श्रद्धालु पैदल ही जाना पसंद करते हैं। अगर आप कई लोग एक साथ आए हों तो पैदल चलने का आनंद कुछ और ही होता है।
सड़क किनारे ग्रुप में बातचीत करते हुए पैदल आप कब पहुंच जाते हैं पता ही नहीं चलता। दूरी भी ज्यादा नहीं है 1 से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह अंजनी माता मंदिर।
वैसे अंजनी माता मंदिर जाने के लिए थ्री व्हीलर, ऑटो, टुकटुक और मेट्रो रिक्शा पर्याप्त संख्या में यहां उपलब्ध है।
अंजनी माता मंदिर के मुख्य द्वार के बाहर ही आपको प्रसाद की दुकाने नजर आयेंगी। आप यहां से प्रसाद चढ़ाने के लिए खरीद सकते हैं। यहां प्रसाद में मुख्य रूप से परमल, इलायची दाना और सूखे मेवे का प्रसाद मिलता है।
प्रसाद लेकर जैसे आप मंदिर के मुख्य द्वार से अंदर जाते हैं, आपको दर्शन होते हैं अंजनी माता के भवन के। यह भवन काफी ऊंचा बना हुआ है और भवन तक जाने के लिए पक्की सीढ़ियां बनी हुई है।
मंदिर वाकई में बहुत सुन्दर बना हुआ है। अगर आप बालाजी आए तो आपको एक बार यहां जरूर आना चाहिए।